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तस्करी रोकने के लिए जानवरों का वैध व्यापार

तस्करी रोकने के लिए जानवरों का वैध व्यापार

बोगोटा के पास ‘तेसोरोस डे कोलंबिया’ नाम की प्रयोगशाला में 14 दुर्लभ मेंढक प्रजातियों को पाला जा रहा है। इसमें ‘हार्लेकिन जहर डार्ट मेंढक’ भी शामिल है। यह प्रयोग पर्यावरण की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है।

इस योजना का उद्देश्य तस्करों के अवैध धंधे को रोकना है। जंगली जानवरों का कानूनी व्यापार तस्करी को रोकने का एक तरीका हो सकता है।

प्रमुख बिंदु

दुनिया में अवैध जीव व्यापार की समस्या

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जंगली वनस्पति और जीव-जंतुओं का अवैध व्यापार बहुत बड़ा मुद्दा है। यह हर साल 23 अरब डॉलर की कमाई करता है। अवैध जीव व्यापार और जीव तस्करी के कारण कोलंबिया भी प्रभावित है।

इस देश में दुनिया के लगभग 10 फीसदी उभयचर पाए जाते हैं। इसमें जहर डार्ट मेंढक भी शामिल हैं।

इन मेंढकों का जहर तस्करों को आकर्षित करता है। यह जहर सांस की समस्या पैदा कर सकता है। कोलंबिया में जंगली जानवरों और मेंढकों की तस्करी एक बड़ा समस्या है।

“दुनिया में जंगली वनस्पति और जीव-जंतुओं के अवैध व्यापार का मुनाफा दुनिया का चौथा सबसे बड़ा गैरकानूनी कारोबार है और इससे हर साल 23 अरब डॉलर की कमाई होती है।”

कोलंबिया में अवैध व्यापार को रोकने के लिए कानूनी प्रयास किए जा रहे हैं। यहां खरीदे गए जानवरों पर एक कानूनी टैग लगाया जाता है।

कोलंबियाई पुलिस तस्करों के खिलाफ काम कर रही है। उनका लक्ष्य अवैध व्यापार को कम करना है।

तस्करी रोकने के लिए जानवरों का वैध व्यापार

वन्यजीवों की तस्करी को रोकने के लिए देशों ने कानूनी व्यापार को मंजूरी दी है। यह वन्यजीवों की संख्या बढ़ाने में मदद कर रहा है। उदाहरण के लिए, कोस्टा रिका तितलियों के प्रजनन पर काम कर रहा है।

कोलंबिया में वैध व्यापार की मदद से तस्करी कम हुई

‘तेसोरोस डे कोलंबिया’ नामक कंपनी कोलंबिया में मेंढकों का वैध निर्यात कर रही है। यह सात प्रजातियों के लिए परमिट का इंतजार कर रही है। इससे मेंढकों की कीमतें घट गई हैं।

कानूनी रूप से मेंढकों की उपलब्धता से तस्करी किए गए नमूनों की कीमतें घट गई हैं।

जानवरों के कानूनी व्यापार से तस्करी को कम करने में मदद मिल रही है। यह वन्यजीवों की संख्या बढ़ाने में भी मदद कर रहा है।

निष्कर्ष

भारत में वन्यजीव तस्करी एक बड़ी समस्या है। पिछले कुछ वर्षों में यह समस्या और भी बढ़ गई है। सरीसृप, उभयचर और अन्य जानवरों की तस्करी में वृद्धि हुई है।

तमिलनाडु, मुंबई और दिल्ली के हवाई अड्डों पर सबसे अधिक मामले सामने आए हैं।

सरकार और प्रवर्तन एजेंसियों को मिलकर काम करना जरूरी है। वन्यजीव संरक्षण कानूनों को लागू करना और हवाई अड्डों पर चोरी को रोकना आवश्यक है।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और भागीदार संगठन भी काम कर रहे हैं। वे भारत के हवाई अड्डों पर अवैध तस्करी को रोकने के लिए काम कर रहे हैं।

इन प्रयासों से वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण में मदद मिल सकती है।

FAQ

कोलंबिया में कौन-कौन से दुर्लभ मेंढक प्रजातियों को पाला जा रहा है?

बोगोटा के पास ‘तेसोरोस डे कोलंबिया’ नाम की प्रयोगशाला में 14 दुर्लभ मेंढक प्रजातियों को पाला जा रहा है। इसमें ‘हार्लेकिन जहर डार्ट मेंढक’ भी शामिल है।

जंगली वनस्पति और जीव-जंतुओं का अवैध व्यापार कितना बड़ा है?

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जंगली वनस्पति और जीव-जंतुओं का अवैध व्यापार बहुत बड़ा है। हर साल 23 अरब डॉलर की कमाई होती है।

कोलंबिया में किस प्रकार के जंगली जानवर पाए जाते हैं?

कोलंबिया में दुनिया के 10 फीसदी उभयचर पाए जाते हैं। इसमें जहर डार्ट मेंढक भी शामिल हैं।

इन मेंढकों का जहर तस्करों के लिए बहुत आकर्षक है। यह जहर सांस की समस्या पैदा कर सकता है।

कई देशों ने जंगली जीवों के कानूनी व्यापार को कैसे मंजूरी दी है?

कई देशों ने जंगली जीवों के कानूनी व्यापार को मंजूरी दी है। कोस्टा रिका जैसे देश जंगलों की रक्षा के लिए प्रयास कर रहे हैं।

कोलंबिया में किस तरह के कानूनी व्यापार हो रहा है?

‘तेसोरोस डे कोलंबिया’ सात प्रजातियों के मेंढक निर्यात करता है। सात अन्य के लिए परमिट का इंतजार कर रहा है।

कानूनी रूप से मेंढकों की उपलब्धता से तस्करी किए गए नमूनों की कीमतें घट गई हैं।

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