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1 लाख के बना दिए 130 करोड़, कहानी भारत के सबसे महंगे शेयर की

1 लाख के बना दिए 130 करोड़, कहानी भारत के सबसे महंगे शेयर की

MRF, जो मद्रास रबर फैक्ट्री का पूर्णरूप है, भारत की प्रसिद्ध टायर कंपनी है। 1993 में इसके शेयर की कीमत महज 10 रुपए थी। लेकिन आज, MRF के शेयर की कीमत 1.30 लाख रुपए से अधिक है।

यानी 30 सालों में इस शेयर ने निवेशकों की रकम को 13,000 गुना बढ़ा दिया है। MRF का शेयर 1 लाख रुपए का स्तर पार करने वाला भारत का पहला और एकमात्र शेयर है। इसकी कीमत अब तक 1.5 लाख रुपए तक पहुंच चुकी है।

प्रमुख बिंदु

MRF के शेयर ने निवेशकों को मालामाल कर दिया

भारत की टायर उद्योग में नेता MRF कंपनी ने निवेशकों की जिंदगी बदल दी। 1993 में शुरुआत में शेयर की कीमत 10 रुपए थी। लेकिन लिस्टिंग के बाद यह 11 रुपए पर समाप्त हुआ।

अगर कोई 1993 में 1 लाख रुपए निवेश कर देता, तो अब उसकी रकम 130 करोड़ रुपए हो जाती।

1993 में शेयर की कीमत थी महज 10 रुपए

आजकल, MRF के शेयर की कीमत 1.5 लाख रुपए से अधिक है। इसका उच्चतम स्तर 151,445 रुपए और निम्नतम 107,008 रुपए रहा है।

कंपनी की मार्केट कैप 54,889 करोड़ रुपए है। यह भारत की सबसे बड़ी टायर कंपनी है।

लाख रुपए को पार कर चुकी MRF की कीमत

1993 में 10 रुपए के शेयर की कीमत अब 1.5 लाख रुपए से अधिक हो गई है। यह भारत का पहला और एकमात्र शेयर है, जिसने 1 लाख रुपए का स्तर पार कर लिया है।

यह सच में निवेशकों के लिए बहुत ही उल्लेखनीय उपलब्धि है।

वर्ष शेयर कीमत 1 लाख के लिए लाभ
1993 ₹10 ₹130 Cr
2023 ₹1,51,445

इस प्रकार, MRF के शेयर ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। यह भारत की सबसे महंगी शेयर है, जिसने इस क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया है।

इतिहास: 1 लाख से 130 करोड़ तक का सफर

MRF के शेयर की कीमत में कई बार वृद्धि हुई है। 1993 में यह 11 रुपए से शुरू हुआ। मार्च 2005 तक यह 3,000 रुपए तक पहुंच गया।

मई 2013 तक यह 15,000 रुपए हो गया। अप्रैल 2018 तक यह 80,000 रुपए पर पहुंचा। फरवरी 2022 में यह 1 लाख रुपए से ऊपर चला गया।

इस प्रकार 30 सालों में MRF के शेयर ने निवेशकों की रकम को 13,000 गुना बढ़ा दिया है।

30 सालों में 13,000 गुना बढ़ी निवेशकों की रकम

MRF के शेयर की शुरुआती कीमत 1993 में महज 11 रुपए थी। लेकिन अब यह 1 लाख रुपए से भी ऊपर पहुंच चुका है।

यानी 30 सालों में निवेशकों की रकम 13,000 गुना बढ़ गई है। यह असाधारण उपलब्धि है और निवेशकों को बेहद लाभ पहुंचा रही है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) के उभरते क्षेत्र में MRF ने भी अपना कदम रखा है।

कंपनी ने स्टार्टअप Augmented Robotics को खरीदकर अपनी क्षमताओं को बढ़ाया है। यह कदम MRF के भविष्य के लिए अच्छा संकेत है।

1 लाख के बना दिए 130 करोड़, कहानी भारत के सबसे महंगे शेयर की

MRF कंपनी का शेयर भारत के सबसे महंगे शेयरों में से एक है। यह कंपनी अपने शेयर को कभी नहीं स्प्लिट करती। इसकी कीमत बढ़ती जा रही है।

कंपनी की शुरुआत 1946 में हुई थी। शुरुआत में यह खिलौने वाले गुब्बारे बनाती थी। 1960 से यह रबर के टायर बनाने लगी।

आज, यह भारत की सबसे बड़ी टायर कंपनी है। यह अपने उत्पादों को 75 से अधिक देशों में भेजती है।

1993 में, MRF का शेयर 10 रुपए था। एक शेयरधारक ने 1 लाख रुपए निवेश किया था। अब, उसका निवेश 130 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है।

कंपनी शेयर की मूल्य शेयरों की संख्या मार्केट कैपिटलाइज़ेशन
MRF ₹82,243 4.52 करोड़ ₹3,71,416 करोड़
बजाज हाउसिंग फाइनेंस ₹151 8.34 करोड़ ₹1,25,655 करोड़

तालिका से पता चलता है कि MRF का शेयर बहुत महंगा है। यह बजाज हाउसिंग फाइनेंस के शेयर से भी महंगा है।

निष्कर्ष

MRF का शेयर भारत में सबसे महंगा है, जिसकी कीमत 1.30 लाख रुपए से अधिक है। यह दिखाता है कि कैसे एक कंपनी अपने शेयरों का मूल्य बढ़ा सकती है। 30 सालों में यह शेयर निवेशकों की रकम को 13,000 गुना बढ़ा दिया है।

यह निवेशकों के लिए एक अच्छा मौका है। वे इस शेयर में निवेश करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। कंपनी की वित्तीय स्थिति और ब्रांड प्रतिष्ठा भी इसे बढ़ावा देते हैं।

लेकिन, निवेशकों को सावधान रहना चाहिए। शेयर की कीमतें कभी-कभी उतार-चढ़ाव में हो सकती हैं।

अंत में, MRF का शेयर भारत का सबसे महंगा शेयर है। यह निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प है। कंपनी की वित्तीय स्थिति और ब्रांड प्रतिष्ठा इसे आगे बढ़ाएंगी।

FAQ

क्या MRF कंपनी का शेयर वास्तव में भारत का सबसे महंगा शेयर है?

हां, MRF का शेयर भारत का सबसे महंगा है। इसकी कीमत 1.30 लाख रुपए से अधिक है। यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है।

MRF शेयर की कीमत कब तक बढ़ी है?

MRF के शेयर की कीमत लंबे समय से बढ़ रही है। 1993 में यह 10 रुपए था। अब यह 1.5 लाख रुपए से अधिक है।

यह 30 सालों में 13,000 गुना बढ़ गया है।

MRF कंपनी की शुरुआत कैसे हुई थी?

MRF कंपनी की शुरुआत 1946 में हुई थी। शुरुआत में यह खिलौने वाले गुब्बारों का उत्पादन करती थी।

1960 से यह रबर के टायर बनाने लगी। अब यह भारत की सबसे बड़ी टायर कंपनी है।

निवेशकों के लिए MRF शेयर में निवेश करना लाभकारी है?

हां, निवेशकों के लिए MRF शेयर में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति और प्रतिष्ठित ब्रांड इस शेयर की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं।

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