Karwa Chauth 2024: करवा चौथ के दिन करें यह खास उपाय, पति की दिर्घायु उम्र के साथ तरक्की के भी बनेंगे
भारतीय संस्कृति में करवा चौथ बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। वे पूरे दिन व्रत रखती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं।
20 अक्टूबर 2024 को करवा चौथ है। उस दिन, पूर्णिमा और सूर्योदय एक साथ होंगे। इस योग में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए पूजा करेंगी।
महत्वपूर्ण बातें
- करवा चौथ 2024 कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पड़ता है।
- करवा चौथ व्रत के लिए शुभ समय सुबह 6:34 से शाम 7:22 तक है।
- करवा चौथ पूजा का मुहूर्त शाम 5:47 से 7:04 तक है।
- महिलाएं देवी-देवताओं को विभिन्न सामग्री अर्पित करके करवा चौथ व्रत का पालन करती हैं।
- करवा चौथ पूजा में गणेश जी को 21 गुड़ के गोले और दूर्वा घास अर्पित करने का विधान है।
करवा चौथ 2024 का ज्योतिषीय महत्व
करवा चौथ एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह विवाहित जोड़ों के बीच प्रेम को मजबूत करता है। इस दिन, सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं।
इस त्योहार की शुरुआत सूर्योदय से दो घंटे पहले होती है। वर्ष 2024 में यह 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
करवा चौथ पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
वर्ष 2024 में, भद्रा का समय 21 मिनट तक रहेगा। यह समय सुबह 6:25 बजे से 6:46 बजे तक है। इस समय, करवा माता की आरती करना और मंत्रों का जाप करना व्रत को प्रभावित नहीं करता।
कुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनका प्रभाव
- महिलाएं मेहंदी में नींबू, चीनी, रोली, चावल, गुलाब की पंखुड़ियां मिलाकर व्रत रखती हैं। यह प्रेम और सौहार्द्र को बढ़ाता है।
- महिलाओं के बीच व्रत रखने से रिश्ते मजबूत होते हैं और उनका परिवारिक जीवन सुखमय होता है।
करवा चौथ का ज्योतिषीय महत्व विवाहित जोड़ों के बीच प्रेम और सौहार्द्र को बढ़ाने में महत्वपूर्ण है।
“करवा चौथ एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो विवाहित जोड़ों के बीच प्रेम और स्नेह को मजबूत करता है।”
वैवाहिक जीवन में कुंडली का महत्व
करवा चौथ का त्योहार पति-पत्नी के प्रेम को दिखाता है। इसमें ज्योतिष का भी महत्वपूर्ण योगदान है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर सकती है।
सातवें भाव में ग्रहों का महत्व बहुत अधिक है। यह भाव जीवनसाथी से जुड़ा होता है। यहां ग्रहों की स्थिति से पति-पत्नी के व्यक्तित्व का पता चलता है।
मंगल दोष या शनि की स्थिति से वैवाहिक जीवन में चुनौतियों का पता चलता है।
कुंडली का विश्लेषण करके पति-पत्नी अपने जीवनसाथी को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। विशेष पूजा-अर्चना और मंत्र-जाप से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि मिलती है।