Janmashtami 2024: इस जन्माष्टमी जरूर करें दिल्ली के 5 कृष्ण मंदिरों के दर्शन, रहती है मथुरा-वृंदावन जैसी धूम
भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव पूरे भारत में बडे़ हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस साल ये त्योहार (Janmashtami) 26 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस मौके पर आपको भगवान कृष्ण के मंदिर जाकर दर्शन जरूर करना चाहिए। इसके लिए आपको मथुरा या वृंदावन जाने के बदले दिल्ली के मंदिरों के भी दर्शन कर सकते हैं। जानें दिल्ली के खास कृष्ण मंदिरों (Krishna Temple in Delhi) के बारे में।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Janmashtami 2024: कृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म का बेहद महत्वपूर्ण त्योहार है। इस साल ये त्योहार 26 अगस्त (Janmashtami 2024 Date) को मनाया जा रहा है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण ने धरती पर माता देवकी की कोख से अवतार लिया था। भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा और जहां उनका बचपन बीता गोकुल और वृंदावन में इस त्योहार की अलग ही धूम देखने को मिलती है।
यहां के सभी मंदिरों में भक्तों का तांता लग जाता है। दूर-दूर से भक्तजन अपने बाल गोपाल के दर्शन करने के लिए आते हैं। हालांकि, इसके कारण इन जगहों पर काफी भीड़ हो जाती है और सभी का यहां आना संभव भी नहीं हो पाता। ऐसे में अगर आप भी जन्माष्टमी के मौके पर गोकुल या वृंदावन नहीं जा पा रहे हैं, तो दिल्ली में भी कुछ खास कृष्ण मंदिर (Krishna Mandir in Delhi) हैं, जहां आप यशोदा नंदन के दर्शन कर सकते हैं। आइए देखतें हैं उन मंदिरों की खास झलक।
Iskon मंदिर
दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों में से एक ईस्ट ऑफ कैलाश में स्थित ये ISKON मंदिर है। राधा-कृष्ण की छवि देखने के लिए भक्त इस मंदिर में अक्सर आते रहते हैं। इस जन्माष्टमी आपको भी इस मंदिर में दर्शन करने और कुछ पल शांति से कृष्ण भक्ति में बिताने के लिए जाना चाहिए।
छत्तरपुर मंदिर
दिल्ली का छत्तरपुर मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्ध है। इस जन्माष्टमी आप यहां भी राधा-कृष्ण के दर्शन करने जा सकते हैं। साउथ दिल्ली में स्थित इस मंदिर में जाकर आपको असीम शांति का अनुभव होगा।
बिरला मंदिर
बिरला मंदिर, जिसे लक्ष्मी नारायण मंदिर भी कहा जाता है, में जन्माष्टमी पर कृष्ण भगवान के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है। इस मंदिर में आप भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के दर्शन भी कर सकते हैं।
गुरुवयप्पन मंदिर
गुरुवयप्पन मंदिर दिल्ली के मयूर विहार फेज-1 में स्थित है। भगवान कृष्ण को संमर्पित इस मंदिर में शाम के समय हजारों दियों की कतारें जलाई जाती हैं, जिसका मनोहर दृश्य देखते ही बनता है।
ISKON मंदिर, रोहिणी
रोहिणी का ये ISKON मंदिर भी बेहद सुंदर है। यहां आप जन्माष्टमी के मौके पर जरूर जाएं और भगवान कृष्ण के दर्शन जरूर करें।
जन्माष्टमी पर क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त?
पंचांग के अनुसार, सुबह 5 बजकर 55 मिनट से 7 बजकर 36 मिनट तक अमृत चौघड़िया रहने वाला है। ये योग पूजा के लिए शुभ है। इसके बाद अमृत चौघड़िया पूजन का मुहूर्त 3 बजकर 36 मिनट 6 बजकर 48 मिनट तक है।
निशीथ काल में भी आप पूजा कर सकते हैं, जो रात में 12 बजकर 1 मिनट से 11 बजकर 44 मिनट तक है।
हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व का बेहद महत्व है। माना जाता है भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आधी रात के समय श्री कृष्ण ने कंस का अंत करने के लिए धरती पर जन्म लिया था। तभी से इस खास तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।
भगवान के जन्मोत्सव को लेकर भक्तों में अलग ही उत्साह और धूम देखने को मिलती है। इस दिन भक्त सच्चे मन से भगवान की पूजा-अर्चना कर उनके नाम का उपवास रखते हैं, रात्रि के समय भगवान को स्नान आदि करा 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है, इसके बाद श्रीकृष्ण के जन्म के समय विशेष पूजा का आयोजनल भी किया जाता है।