रात में खिलते हैं और सुबह गिर जाते हैं… औषधीय गुणों से भरपूर इस पौधे के फूल
हरसिंगार या पारिजात एक विशेष पौधा है। इसके फूल रात में खिलते हैं और सुबह गिर जाते हैं। इसका वानस्पतिक नाम ‘निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस’ है। अंग्रेजी में इसे नाइट जैस्मीन कहा जाता है।
यह पौधा सौंदर्य के लिए जाना जाता है। लेकिन इसके औषधीय गुण भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसके फूलों और पत्तियों का उपयोग आयुर्वेदिक उपचारों में किया जाता है।
प्रमुख बिंदु
- पारिजात या हरसिंगार के पत्तों और फूलों में एंटी बैक्टीरियल और एंटी एलर्जिक गुण होते हैं।
- हरसिंगार आपको जोड़ों के दर्द में राहत दिलाता है।
- पारिजात का वानस्पतिक नाम ‘निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस’ है।
- हरसिंगार के फूल सफेद, साफ और सुगंधित होते हैं।
- हरसिंगार पूजा-पाठ में महत्वपूर्ण है।
हरसिंगार या पारिजात का परिचय और इतिहास
हरसिंगार या पारिजात, जिसका वैज्ञानिक नाम Nyctanthes arbor-tristis है, एक प्राचीन पौधा है। यह पौधा भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है। इसके सफेद और नारंगी फूल रात में खिलते हैं और सुबह गिर जाते हैं।
इसलिए, इसे “देवताओं का फूल” भी कहा जाता है।
पौराणिक कथाएं और महत्व
पौराणिक कहानियों के अनुसार, हरसिंगार समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न हुआ था। देवताओं ने इसे प्राप्त किया था। इसलिए, इसे श्रृंगार हार भी कहा जाता है।
माता सीता वनवास के दौरान इन फूलों के हार पहनती थीं। इंद्र ने भी इन पौधों को अपनी वाटिका में लगाया था। श्रीकृष्ण ने इन्हें पृथ्वी पर लाया।
वानस्पतिक विशेषताएं
हरसिंगार एक पर्वतीय पौधा है। यह 10-25 फीट ऊंचा हो सकता है। इसके सुंदर सफेद और नारंगी फूल रात में खिलते हैं और सुबह गिर जाते हैं।
समुद्र मंथन से जुड़ी कहानी
पौराणिक कथाएं बताती हैं कि समुद्र मंथन के दौरान हरसिंगार पौधा उत्पन्न हुआ था। देवताओं ने इसे प्राप्त किया था। इसलिए, इसे “देवताओं का फूल” भी कहा जाता है।
रात में खिलते हैं और सुबह गिर जाते हैं… औषधीय गुणों से भरपूर इस पौधे के फूल
हरसिंगार या पारिजात के फूल और पत्तियों में आयुर्वेदिक गुण होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, इसके 15-20 फूलों या रस का सेवन हृदय रोग में फायदेमंद है। पत्तियों को पीसकर पीने से इम्युनिटी बूस्टर के रूप में काम करता है और स्वास्थ्य लाभ देता है।
इन उपचारों को अपनाने से पहले एक आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है। इसके फूलों की सुगंध तनाव दूर करती है और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है।
पारिजात या हरसिंगार के गुण | लाभ |
---|---|
एंटी बैक्टीरियल और एंटी एलर्जिक | वायरस या जीवाणुओं से होने वाली एलर्जी से बचाव |
जोड़ों के दर्द में राहत | पीड़ा को कम करना |
सफेद, साफ और सुगंधित फूल | सौंदर्य और सुगंध का स्रोत |
यह वृक्ष एक साल में केवल एक बार जून माह में सफ़ेद और पीले रंग के फूलों से सजता है। यह न केवल सुगंध बिखेरता है, बल्कि देखने में भी सुंदर है।
“हरसिंगार के फूल और पत्तियों में मौजूद आयुर्वेदिक गुणों के कारण, इसका नियमित सेवन कई स्वास्थ्य लाभों को प्रदान करता है।”
वास्तुशास्त्र में हरसिंगार का महत्व और लाभ
वास्तुशास्त्र के अनुसार, हरसिंगार घर के वास्तुदोष को दूर करने में मदद करता है। इस पौधे को लगाने से थकान दूर हो जाती है। माता लक्ष्मी का निवास माना जाता है।
इसकी सुगंध नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। वह सकारात्मक ऊर्जा को घर में लाती है।
पूजा-पाठ में महत्व
पूजा-पाठ में सिर्फ गिरे हुए हरसिंगार के फूलों का उपयोग होता है। यह पौधा घर में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य लाता है।
तुलसी, चंदन और हरसिंगार के साथ धूप से घर में आध्यात्मिक महत्व का वातावरण बनता है।
घर में लगाने के फायदे
वास्तुशास्त्र के अनुसार, हरसिंगार पूर्वोत्तर, पूर्व या ईशान कोने में लगाना सबसे अच्छा है। यह लक्ष्मी निवास को आकर्षित करता है।
इसके अलावा, हरसिंगार का पौधा मंदिरों के आसपास भी लगाया जाता है। भक्तों को आध्यात्मिक महत्व और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
“एक वृक्ष के बराबर 10 पुत्र माने जाते हैं, जो वृक्षों के वास्तुशास्त्रीय महत्व को दर्शाता है।”
इस प्रकार, हरसिंगार घर के लिए बहुत लाभकारी है। यह वास्तुदोष निवारण, सकारात्मक ऊर्जा, लक्ष्मी निवास और आध्यात्मिक महत्व प्रदान करता है।
निष्कर्ष
हरसिंगार या पारिजात एक विशेष पौधा है। यह सुंदरता और सुगंध दोनों प्रदान करता है। इसके चमत्कारी गुण, प्राकृतिक उपचार क्षमता और आध्यात्मिक महत्व इसे विशेष बनाते हैं।
यह पौधा घर को सुंदर बनाता है। इसकी सुगंध घर को सुखदायक बनाती है। इसके पत्ते और फूल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।
यह पौधा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है।
पारिजात भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है। यह धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उपयोग किया जाता है। इस प्रकार, यह सौंदर्य, स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।
FAQ
हरसिंगार या पारिजात क्या है?
हरसिंगार या पारिजात एक विशेष पौधा है। इसके फूल रात में खिलते हैं और सुबह गिर जाते हैं। इसका वानस्पतिक नाम ‘निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस’ है। अंग्रेजी में इसे नाइट जैस्मीन कहा जाता है।
हरसिंगार के फूलों और पत्तियों के क्या औषधीय गुण हैं?
हरसिंगार के फूल और पत्तियाँ बहुत उपयोगी हैं। इसके 15-20 फूलों या रस का सेवन हृदय को लाभ पहुंचाता है। इसकी पत्तियों को पीसकर पीने से इम्युनिटी बढ़ती है।
हरसिंगार का पौराणिक महत्व क्या है?
हरसिंगार का पौराणिक महत्व बहुत है। मान्यता है कि वनवास के दौरान माता सीता इसके फूलों के हार पहनती थीं। इसलिए इसे श्रृंगार हार भी कहा जाता है।
समुद्र मंथन के दौरान इसकी उत्पत्ति हुई। यह देवताओं को मिला। इंद्र ने इसे अपनी वाटिका में लगाया। श्रीकृष्ण ने इसे पृथ्वी पर लाया।
हरसिंगार का वास्तुशास्त्र में क्या महत्व है?
वास्तुशास्त्र के अनुसार, हरसिंगार घर के वास्तुदोष दूर करता है। इसे छूने मात्र से थकान मिट जाती है। जहां यह पौधा होता है, वहां माता लक्ष्मी का निवास माना जाता है।
इसकी खुशबू नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। यह सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करती है।
हरसिंगार पौधे के क्या विशेष गुण हैं?
हरसिंगार या पारिजात एक बहुउपयोगी और चमत्कारी पौधा है। यह न केवल सौंदर्य और सुगंध प्रदान करता है, बल्कि स्वास्थ्य, वास्तु और आध्यात्मिकता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके औषधीय गुण, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की क्षमता और पौराणिक महत्व इसे एक अद्वितीय पौधा बनाते हैं।