गणेश चतुर्थी 2024: घर पर गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त और विस्तृत जानकारी
गणेश चतुर्थी 2024 का महापर्व आज, 7 सितंबर को शुरू हो रहा है। यह दस दिन का उत्सव भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता हैं। इस अवसर पर भक्तगण गणपति बप्पा की मूर्तियों को अपने घरों में लाकर पूजा की शुरुआत करते हैं। इस लेख में, हम आपको गणपति बप्पा की स्थापना के शुभ मुहूर्त, महत्वपूर्ण समय और अन्य जानकारियों से अवगत कराएंगे ताकि आप इस पर्व को सही तरीके से मना सकें।
गणेश चतुर्थी 2024: गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त 7 सितंबर को सुबह 11:03 बजे से दोपहर 1:34 बजे तक रहेगा। चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3:01 बजे से शुरू होकर 7 सितंबर को शाम 5:37 बजे तक रहेगी।
इस दौरान गणपति बप्पा की स्थापना के लिए शुभ समय निम्नलिखित है:
स्थापना का शुभ मुहूर्त: 10:51 बजे से 1:21 बजे तक
अन्य महत्वपूर्ण समय गणेश चतुर्थी के दिन कुछ और भी महत्वपूर्ण मुहूर्त होते हैं जिन्हें पूजा के दौरान ध्यान में रखना चाहिए:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:31 बजे से 5:16 बजे तक
अभिजित मुहूर्त: 11:54 बजे से 12:44 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:24 बजे से 3:14 बजे तक
रवि योग: सुबह 6:02 बजे से 12:34 बजे तक
गणेश चतुर्थी 2024: स्थापना और पूजा की विधियाँ गणेश चतुर्थी के दिन, भक्तगण अपने घरों में गणपति बप्पा की मूर्तियों की स्थापना करते हैं। इस अवसर पर विशेष पूजा विधियाँ और अनुष्ठान किए जाते हैं, जो इस प्रकार हैं:
1.मूर्ति की स्थापना: गणपति बप्पा की मूर्ति को साफ और पवित्र स्थान पर रखें। मूर्ति को सजाने के लिए फूल, वस्त्र और रंगीन कपड़े का उपयोग करें।
2.गणेश पूजा: स्थापना के बाद, गणेश पूजा करें जिसमें गणेश चालीसा, गणेश अर्चना, और गणेश वंदन शामिल हैं। पूजा के दौरान विशेष रूप से मोदक और लड्डू का भोग अर्पित करें।
3.आरती और भजन: गणपति बप्पा की आरती करें और भजन गाएँ। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
4.भोग अर्पण: गणेश जी को विशेष भोग अर्पित करें। मोदक, लड्डू, खीर, और पूरन पोली जैसे भोग गणेश जी को बहुत प्रिय हैं।
गणेश चतुर्थी 2024: उत्सव का महत्व गणेश चतुर्थी, जिसे गणेशोत्सव, विनायक चतुर्थी, या विनायक चविथि के नाम से भी जाना जाता है, भाद्रपद मास की शुक्ला चतुर्थी को मनाया जाता है।
यह पर्व दस दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होता है। इस दिन, भक्तगण गणेश जी की मूर्तियों को जल में विसर्जित करते हैं, जिसके साथ भव्य जुलूस और रैलियाँ आयोजित की जाती हैं।
गणेश विसर्जन के बारे में जानकारी गणेश चतुर्थी के बाद, विसर्जन का दिन भी विशेष महत्व रखता है। विसर्जन की प्रक्रिया में मूर्ति को जल में प्रवाहित किया जाता है, जो इस पर्व का समापन होता है।
विसर्जन के लिए विभिन्न समय होते हैं:
सुबह का मुहूर्त: 9:11 बजे से 1:47 बजे तक
दोपहर का मुहूर्त: 3:19 बजे से 4:51 बजे तक
शाम का मुहूर्त: 7:51 बजे से 9:19 बजे तक
रात का मुहूर्त: 10:47 बजे से 3:12 बजे, 18 सितंबर तक
महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटका में गणेश चतुर्थी की भव्यता गणेश चतुर्थी का पर्व महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटका में विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। विशेष रूप से मुंबई, पुणे और हैदराबाद जैसे शहरों में गणेश उत्सव का आयोजन बड़े स्तर पर होता है। यहां पर भव्य पंडालों की सजावट, भव्य रथों की सजावट, और नगर में शोभायात्राओं का आयोजन किया जाता है।
गणेश चतुर्थी 2024: घर पर गणपति बप्पा का स्वागत यदि आप अपने घर पर गणपति बप्पा की स्थापना कर रहे हैं, तो निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान में रखें:
1.स्थान का चयन: गणपति बप्पा की मूर्ति के लिए एक साफ और पवित्र स्थान का चयन करें।
2.सजावट: घर को रंग-बिरंगे फूलों, रोशनी, और सजावट से सजाएँ।
3.पुजा की तैयारी: सभी पूजा सामग्री, भोग, और आवश्यक वस्तुओं की तैयारी पहले से कर लें।
4.परिवार के साथ पूजा: परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर पूजा करें और गणपति बप्पा से आशीर्वाद प्राप्त करें।
निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी 2024 एक महत्वपूर्ण और उल्लासपूर्ण पर्व है जो भारत में भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर गणपति बप्पा की पूजा, स्थापना और विसर्जन के महत्व को समझते हुए इस पर्व को सही ढंग से मनाने की तैयारी करें। इस लेख में दिए गए मुहूर्त और विधियाँ आपको इस पावन अवसर का आनंद लेने में मदद करेंगी।
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